Adobe Audition में, “वोकल प्रीसेट” एक इफेक्ट्स रैक चेन है जो एक ही बार में EQ, कंप्रेशन, डी-एसिंग, कलर, और स्पेस लोड करता है। यह गाइड दिखाता है कि प्रीसेट कैसे लोड करें, स्वस्थ गेन सेट करें, मैक्रोज़/कंट्रोल्स को आपकी आवाज़ के अनुसार अनुकूलित करें, सेंड्स रूट करें, सीन ऑटोमेट करें, और टेम्पलेट्स सेव करें—ताकि आपको मेनू के झंझट के बिना लगातार, रेडियो-तैयार परिणाम मिलें। यदि आप एक तेज़, प्रमाणित शुरुआत पसंद करते हैं, तो क्यूरेटेड Adobe Audition वोकल प्रीसेट का ऑडिशन करें और फिर अपने माइक और कमरे के अनुसार थ्रेशोल्ड और सेंड्स को फाइन-ट्यून करें।
I. ऑडिशन में “वोकल प्रीसेट का उपयोग” का मतलब क्या है
ऑडिशन संगीत वोकल के लिए तीन उपयोगी प्रकार के प्रीसेट प्रदान करता है:
- इफेक्ट्स रैक प्रीसेट (ट्रैक-स्तर की चेन जिन्हें आप लोड, ट्वीक, और फिर से सेव करते हैं)।
- सेशन टेम्पलेट के अंदर ट्रैक प्रीसेट (मल्टीट्रैक लेआउट जिसमें आपकी वोकल ट्रैक, सेंड्स, और बस प्रीवायर्ड होते हैं)।
- व्यक्तिगत प्लग-इन प्रीसेट (पैरामीट्रिक EQ, डायनेमिक्स प्रोसेसिंग, डी-एसर, आदि)।
प्रीसेट का उपयोग केवल चेन लोड करने से अधिक है; यह गेन, डी-एस, प्रेजेंस, एफएक्स बैलेंस, और बस रूटिंग को गाने और आवाज़ के अनुसार अनुकूलित करना है। नीचे दिए गए चरण इस अनुकूलन को तेज़ और पूर्वानुमेय बनाते हैं।
II. प्री-फ्लाइट (ताकि प्रीसेट सही काम करे)
- ऑडियो हार्डवेयर: अपनी इंटरफ़ेस को Preferences → Audio Hardware में सेट करें।
- लेटेंसी योजना: ट्रैकिंग के लिए बफर कम करें; मिक्सिंग के लिए बढ़ाएं।
- सेशन रेट: संगीत के लिए 44.1 kHz (वीडियो डिलीवरी के लिए 48 kHz)।
- इनपुट स्तर: प्रदर्शन की आवाज़ में गाएं; प्रोसेसिंग से पहले कच्चे पीक लगभग −12 से −8 dBFS के बीच रखें।
- मल्टीट्रैक सेशन: एक लीड वोक्स ट्रैक और दो बस रिटर्न (स्लैप, प्लेट) के साथ एक बनाएं।
III. सही तरीके से प्रीसेट लोड करें (मल्टीट्रैक)
- मल्टीट्रैक सेशन बनाएं या खोलें। अपनी लीड वोक्स ट्रैक चुनें।
- इफेक्ट्स रैक खोलें (दायाँ पैनल)। प्रीसेट मेनू पर क्लिक करें (रैक के ऊपर) → अपनी वोकल चेन चुनें।
- क्रम की पुष्टि करें: EQ → कंप A → डी-एस्स → (कलर/सैट) → कंप B (कैचर) → यूटिलिटी/ट्रिम।
- अपनी कार्य प्रति सहेजें: रैक मेनू → सेव रैक प्रीसेट… (जैसे, लीड — क्लीन पॉप (आपका नाम))। अब ट्वीक विक्रेता के मूल को अधिलेखित नहीं करेंगे।
वेवफॉर्म बनाम मल्टीट्रैक: गानों के लिए, मल्टीट्रैक पर टिके रहें। आपको सेंड्स, ऑटोमेशन, और नॉन-डिस्ट्रक्टिव एडिटिंग मिलेगी। केवल त्वरित एक-ऑफ या पॉडकास्ट-शैली के संपादन के लिए वेवफॉर्म का उपयोग करें।
IV. गेन स्टेजिंग: "ठीक" और "समाप्त" के बीच का अंतर
- इंटरफेस प्रीएम्प पहले: माइक प्री को सेट करें ताकि रॉ टेक्स लगभग −12 से −8 dBFS के आसपास हों।
- टॉप पर ट्रिम: रैक के इनपुट/ट्रिम या हार्ड लिमिटर (केवल इनपुट गेन) का उपयोग करें सूक्ष्म समायोजन के लिए; कंप्रेसर को स्लैम न करें।
- कंप A लक्ष्य: वाक्यों पर 3–5 dB गेन रिडक्शन (रैशियो 2:1–3:1; अटैक 10–30 ms; रिलीज़ 80–160 ms)।
- रैक के बाद: पीक्स को लगभग −6 से −3 dBFS के आसपास छोड़ें। लाउडनेस बाद में मास्टरींग में होती है।
V. पांच नियंत्रण जो आप हर गाने में उपयोग करेंगे
- डी-एस्स (6–8 kHz): तब तक घुमाएं जब तक ईयरबड्स शिकायत करना बंद न करें; व्यंजन धुंधले होने से पहले रोकें।
- बॉडी (120–200 Hz): गर्माहट जोड़ें; अगर बूथ "बॉक्स" जैसा लगे, तो पैरामीट्रिक EQ में 250–350 Hz चौड़ा डिप करें।
- प्रेजेंस (3–4 kHz): उच्चारण के लिए छोटे, चौड़े लिफ्ट। अगर हैट्स/क्लैप्स चमकीले हैं, तो वोकल को धकेलने के बजाय बीट को काटने पर विचार करें।
- एयर (10–12 kHz): माइक्रो शेल्फ केवल सिबिलेंस शांत होने के बाद।
- FX बैलेंस: स्लैपबैक 90–120 ms (फिल्टर्ड 150 Hz–6 kHz) और एक छोटा प्लेट (0.7–1.0 सेकंड, 20–50 ms प्री-डिले)। वर्सेज़ ड्रायर; हुक्स खुले।
VI. रिटर्न्स और बस्सेस रूट करें (आपका "कमरा" दो फेडर्स में)
- दो बस ट्रैक बनाएं: A = स्लैप (डिले), B = प्लेट (रिवर्ब)।
- लीड ट्रैक पर, A और B को सेंड जोड़ें। लगभग −18 से −15 dB के आसपास शुरू करें; संदर्भ में समायोजित करें।
- फिल्टर रिटर्न्स: HPF ~150 Hz, LPF ~6–7 kHz ताकि FX टाइट और फोन-फ्रेंडली रहें।
- डकिंग ट्रिक: स्लैप बस पर एक साइडचेन कंप्रेसर लगाएं जो लीड से की किया गया हो; "गैप्स में इको" के लिए तेज़ अटैक/रिलीज़।
VII. लीड बनाम स्टैक्स: "परिवार" बनाएं, न कि कॉपियां
- Lead: मोनो-सॉलिड सेंटर; न्यूनतम वाइडनर्स; राइड्स और उच्चारण पहले।
- डबल्स L/R: लीड से उच्च HPF, थोड़ा अधिक डी-ईस, 6–9 dB नीचे दबाया; बाएं/दाएं पैन (टाइट)।
- हार्मनियाँ: गहरा EQ; चौड़ा पैनिंग; अगर चमक मदद करे तो वैकल्पिक +0.5–1 dB 5 kHz पर।
- एड-लिब्स: संकीर्ण बैंडविड्थ (HPF ~200 Hz, LPF 8–10 kHz), साइड-पैन, संक्रमणों पर छोटे थ्रो।
प्रत्येक लेन के रैक को अपना प्रीसेट के रूप में सहेजें (लीड — क्लीन, डबल — टाइट, हार्मनी — वाइड) ताकि रिकॉल एक क्लिक में हो।
VIII. त्वरित-शुरुआत चेन (केवल स्टॉक, अधिकांश आवाज़ों पर सुरक्षित)
- पैरामीट्रिक इक्वलाइज़र (पहला): HPF 80–100 Hz; 250–350 Hz पर −1 से −2 dB चौड़ा अगर बॉक्सी हो; 1 kHz के पास तंग नॉच अगर नाक जैसा हो।
- डायनेमिक्स प्रोसेसिंग A (आकार): सौम्य कंप्रेशन (2:1–3:1); अटैक 10–30 ms; रिलीज़ 80–160 ms; वाक्यों पर 3–5 dB GR का लक्ष्य।
- डीईसर: ~6–8 kHz पर सेट करें; जब तक ईयरबड्स पर सिबिलेंस नियंत्रित न हो, तब तक कम करें।
- डायनेमिक्स प्रोसेसिंग B (कैचर): 1–2 dB पीक्स पकड़ने के लिए तेज़; सेंड लेवल्स को स्थिर करता है।
- ट्यूब/एनालॉग कलर (वैकल्पिक): घनत्व के लिए सूक्ष्म सैचुरेशन; आउटपुट मेल खाता है ताकि तेज़ आवाज़ आपको भ्रमित न करे।
- पैरामीट्रिक EQ (पॉलिश): +0.5–1 dB चौड़ा 3–4 kHz पर केवल अगर उच्चारण छिपा हो; आखिरी में छोटा एयर शेल्फ।
सेव करें लीड — स्टॉक क्लीन (AA) के रूप में और गीत के अनुसार हल्के/भारी संस्करण बनाएं।
IX. ऑडिशन-विशिष्ट पावर मूव्स
- एसेंशियल साउंड पैनल: लीड को “डायलॉग” टैग करें त्वरित स्पष्टता प्रीसेट के लिए; फिर रैक में परिष्कृत करें (रफ्स के लिए बढ़िया)।
- क्लिप FX बनाम ट्रैक FX: टाइमिंग एडिट्स? समस्या वाले क्लिप पर “रिपेयर” EQ/डी-ईस लगाएं; टोन/FX ट्रैक पर रखें।
- पसंदीदा: बैच क्रियाएं सहेजें (जैसे, रैक से पहले −18 LUFS शॉर्ट-टर्म पर सामान्यीकरण) एक-क्लिक तैयारी के लिए।
- स्पेक्ट्रल व्यू: कठोर S क्लस्टर्स को पहचानें; सीटी की आवाज़ को पेंसिल से निकालें; फिर डी-ईसर की कड़ी मेहनत कम करें।
X. लाइन बेचने वाली ऑटोमेशन
- वॉल्यूम राइड्स: डाउनबीट्स में +0.5–1 dB; जटिल शब्दों के लिए छोटे डिप्स।
- डी-ईस थ्रेशोल्ड: चमकीले वाक्यों पर थोड़ा कड़ा थ्रेशोल्ड लिखें, गहरे हिस्सों पर ढीला।
- राइड्स भेजें: स्लैप/प्लेट को हुक में 1–2 dB बढ़ाएं; घने वर्सेज में पीछे खींचें।
टिप: ऑडिशन के एनवेलप्स तेज़ हैं—ट्रैक हेडर पर Show Envelopes टॉगल करें और केवल 2–3 जरूरी मूव्स लिखें।
XI. टू-ट्रैक बीट सर्वाइवल (ब्राइट हैट्स, हेवी सब्स)
- काटें, लड़ें नहीं: इंस्ट्रुमेंटल बस पर, एक सौम्य मिड डिप (2–4 kHz) जो वोकल द्वारा की गई हो (साइडचेन कम्प को EQ गेन लिंक में) व्यंजन के लिए जगह बना सकता है बिना बीट को पतला किए।
- स्प्लैश नियंत्रण: अगर हैट्स आइस जैसे हैं, तो रिटर्न को लगभग 6–7 kHz पर लो-पास करें; एयर शेल्फ को मामूली रखें।
- मोनो जांच: मॉनिटरिंग को थोड़ी देर के लिए कॉलैप्स करें; अगर कहानी फोन पर भी बनी रहती है, तो आप अच्छी लेन में हैं।
XII. ट्रैकिंग बनाम मिक्सिंग: जो चाहिए उसे प्रिंट करें
ट्रैक ड्राई, सुनें वेट: रैक के माध्यम से मॉनिटर करें लेकिन क्लीन इनपुट रिकॉर्ड करें। यदि सहयोगी को “डेमो वाइब” चाहिए, तो लीड को प्रिंट ट्रैक पर बस करें और एक वेट सेफ्टी रिकॉर्ड करें। स्पष्ट नाम दें (Lead_Dry, Lead_Wet)।
फ्रीज/बाद में कमिट करें: CPU-भारी FX को अंत के करीब कमिट करें; रिकॉल के लिए एक FXPRINT ट्रैक रखें।
XIII. टेम्पलेट्स: हर सेशन को तैयार शुरू करें
- लीड, डबल्स L/R, हार्मोनियाँ, एड-लिब्स के लिए ट्रैकों के साथ एक सेशन बनाएं, साथ ही दो रिटर्न (स्लैप, प्लेट)।
- लेन-विशिष्ट रैक प्रीसेट लोड करें; रंग-कोड करें; समझदारी से सेंड डिफॉल्ट सेट करें।
- सेशन टेम्पलेट के रूप में सहेजें ताकि हर नया गाना “गाने के लिए तैयार” खुले।
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XIV. समस्या निवारण (समस्या → केंद्रित कदम)
- एयर जोड़ने के बाद कठोर S ध्वनियाँ: डी-एस को थोड़ा बढ़ाएं; एयर शेल्फ को लगभग 0.5 dB कम करें; लो-पास रिटर्न को लगभग 6–7 kHz पर रखें।
- 808 के नीचे वोकल डूब जाता है: वर्सेज को सूखा रखें; प्रेजेंस को थोड़ा बढ़ाएं; वोकल बोलते समय बीट पर एक सूक्ष्म मिड डिप पर विचार करें।
- एक्सपोर्ट पर प्रीसेट अलग लगता है: क्वालिटी मोड्स और किसी भी लुक-अहेड सेटिंग्स की जांच करें जो रेंडर पर बदलती हैं; मास्टर को अनक्लिप्ड रखें।
- मॉनिटरिंग के दौरान लेटेंसी: टेकेस के दौरान छोटे रिवर्ब्स का उपयोग करें; भारी एनालाइजर को बायपास करें; ट्रैकिंग के लिए बफर कम करें।
- रैक आपके माइक पर “मृत” लगता है: लो-मिड कट्स कम करें; डी-एस को आसान बनाएं; एक छोटा 150–180 Hz का लिफ्ट चेस्ट को बिना मड के बहाल कर सकता है।
- A/B परीक्षणों में स्तर कूद: निर्णय लेने से पहले आउटपुट ट्रिम्स को मिलाएं; तेज़ अक्सर "बेहतर" लगता है।
XV. संगठन और पुनः प्राप्ति
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स्पष्ट नाम जीतते हैं:
लीड — क्लीन
,लीड — एयर+
,रैप — पंच
,हार्मनी — वाइड
,एड-लिब — फोन
. - प्रत्येक भूमिका के लिए एक: लीड/डबल्स/हार्मोनियों के लिए अलग प्रीसेट्स डबल्स को ओवर-डी-एसिंग या स्टैक्स को ओवर-ब्राइटनिंग से बचाते हैं।
- बैकअप्स: अपने Audition सेटिंग्स फ़ोल्डर और सेशन टेम्पलेट्स को क्लाउड स्टोरेज में रखें ताकि उपकरण आपके साथ चलते रहें।
XVI. तेज़ FAQ
क्या मुझे दो कम्प्रेसर स्टैक करने चाहिए?
हाँ—शेप के लिए कम्प A का उपयोग करें (फ्रेज़ पर 3–5 dB) और पीक्स के लिए कम्प B (1–2 dB)। यह एक भारी कम्प्रेसर की तुलना में अधिक प्राकृतिक लगता है।
क्या मुझे प्रीसेट में बताए गए माइक की सटीक ज़रूरत है?
नहीं। प्रीसेट्स को शुरुआती बिंदु के रूप में देखें। ट्रिम, डी-एस, बॉडी, प्रेजेंस, और एफएक्स को अपने माइक और डिलीवरी के अनुसार अनुकूलित करें।
ऑटोट्यून कहाँ लगाऊँ?
चेन में पहला (किसी भी इनपुट ट्रिम के बाद), ताकि डाउनस्ट्रीम डायनेमिक्स को एक स्थिर, ट्यून किया हुआ सिग्नल मिले।
अंतिम ट्रैक कितना तेज़ होना चाहिए?
मिक्स पीक्स को लगभग −3 dBFS पर रखें, मास्टरींग में ट्रू-पीक सुरक्षा संभाली जाती है। मिक्सिंग के दौरान LUFS का पीछा न करें।
XVII. त्वरित कार्य योजना (कॉपी करने योग्य)
- अपना रैक लोड करें → ट्रिम सेट करें ताकि कम्प A फ्रेज़ पर 3–5 dB छू सके।
- De-Ess को “मुलायम-चमकीला” रखें, न कि फीका; केवल तभी थोड़ा Presence जोड़ें जब उच्चारण छिपा हो।
- रिटर्न्स को फ़िल्टर करें; वर्सेज़ को सूखा रखें, हुक्स को खुला रखें; लीड से स्लैप को डक करें।
- लेन-विशिष्ट प्रीसेट्स (लीड, डबल्स, हार्मोनियाँ) सेव करें; सेंड्स को रंग-कोड करें।
- रफ रेंडर करें; मास्टर को अनक्लिप्ड रखें; मास्टरींग के लिए हेडरूम छोड़ें।
अच्छी तरह से उपयोग किए जाने पर, वोकल प्रीसेट्स भरोसेमंद शॉर्टकट होते हैं—सहारे नहीं। स्वस्थ हेडरूम सेट करें, छोटे बदलाव करें, केवल महत्वपूर्ण चीज़ों को ऑटोमेट करें, और आपकी आवाज़ बिना कठोरता के आगे आएगी—गाना दर गाना। यदि आप सीधे "दो क्लिक में शानदार आवाज़" पर जाना चाहते हैं, तो Adobe Audition वोकल प्रीसेट्स के साथ-साथ Adobe Audition रिकॉर्डिंग टेम्पलेट का परीक्षण करें और फिर तेज़, सुसंगत सेशंस के लिए अपने स्वयं के टेम्पलेट लॉक करें।